आदर्श जीवन बनाने का संकल्प करें
जीवन में नयी चेतना, नयी स्फूर्ति तभी आयेगी जब हम अनुशासन के साथ संयमित जीवन जीने का संकल्प करेंगे। यदि आप अपने बहुमूल्य जीवन को निरर्थक, अनुचित और अनुपयोगी कार्यों में व्यय कर रहे हैं तो आपका भविष्य अंधकारमय होगा दूसरी ओर यदि आप अपने जीवन को संस्कारी बनाकर सदा सत्य, न्याय के साथ सन्मार्ग पर चलेंगे तो आपका भविष्य सदा उज्ज्वल होगा तथा आपको कभी भी जीवन में तनाव नहीं रहेगा।
आज सर्वत्र महँगाई के कारण जीवन में भाग-दौड़ तथा अनुचित कार्यों द्वारा धनोपार्जन में मनुष्य में है। यही कारण है कि अपराध, भ्रष्टाचार तथा दुष्कर्म दिनोंदिन बढ़ रहे हैं। युवा वर्ग का जीवन संघर्षमय हो रहा है, उनमें आगे बढ़ने की लालसा, प्रतिस्पर्धा को अपनाने के लिए बाध्य कर रही है। संचार क्रान्ति ने युवाओं को आगे बढ़ने के लिए अनेक साधन उपलब्ध कराये हैं। किन्तु उनका सदुपयोग कम तथा दुरुपयोग ज्यादा हो रहा । शुभ कार्य तथा शुभ चिंतन से ही अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाया जा सकता है। शुभ कार्य के लिए शुभ संकल्प करें तो ईश्वर उसे अवश्य पूर्ण करता है।
हमें अपने जीवन को आदर्श तथा संस्कारी बनाने के लिए तथा समाज एवं राष्ट्र के उत्थान के लिए निम्न सूत्रों का सदा जीवन में अपनाने का संकल्प करना चाहिए।
1. नित्य प्रातःकाल प्रभु से प्रार्थना करूँगा कि सबको सद्बुद्धि देवें, सबका भला करें, सबको स्वस्थ एवं सुखी बनावें।
2. सदैव सकारात्मक सोच रखूँगा। किसी से ईर्ष्या, द्वेष नहीं करूँगा। कभी किसी को कटु वचन नहीं कहूँगा।
3. अहंकार, अभिमान, क्रोध, लोभ, झूठ एवं परिग्रह को त्याग आत्म सुधार करूँगा।
4. अपने कार्यों को समय पर पूरा करूँगा। आलस से कोसों दूर रहकर सदा परिश्रम करूँगा।
5. सदा नैतिक तरीकों से धनोपार्जन करूँगा। अनैतिक कार्यों जैसे जुआ, चोरी, लॉटरी आदि से नहीं करूँगा।
6. अपनी आमदनी से ज्यादा खर्चा नहीं करूँगा। शादी, विवाह एवं अन्य उत्सवों में फिजूलखर्ची एवं प्रदर्शन नहीं करूँगा।
7. आदर्श नागरिक के सभी नियमों का पालन करूँगा तथा तन-मन धन से धर्म रक्षा, राष्ट्र रक्षा, गौरक्षा एवं पर्यावरण रक्षा करूँगा।
8. अपनी आवश्यकताओं व अभिलाषाओं पर नियंत्रण रखूँगा तथा जीवन में संयम का पूरा पालन करूँगा।
9. झूठ कभी नहीं बोलूँगा, झूठ व क्रोध को त्या जीवन व्यतीत करूँगा।
10. अपने उत्तरदायित्व को सदा पूरा करूँगा। दूसरों के साथ व्यवहार में सदा शुद्धता व सरलता की भावना रखूँगा।
उक्त बातें पढ़ने व सुनने में बहुत छोटी-छोटी हैं किन्तु यदि आप इन्हें अपनायेंगे तो आपका भविष्य उज्ज्वल होगा। आप सदैव उन्नति की ओर अग्रसर होंगे, सफलता आपके कदमों में होगी साथ ही परिवार एवं राष्ट्रोत्थान में भी आपकी विशेष भूमिका रहेगी।