सच्चे दोस्त के ८ लक्षण
हिंदू धर्म के शास्त्रों में सच्चे मित्र
(दोस्त) के ८ लक्षण बताए है
१) आप अगर गलतिया
कर रहें हैं तो वह आपकी गलतीयाँ बताता हैं। और गलती सुधारने कें
लिए प्रेरीत करता हैं वह
आपका सच्चा मित्र हैं ।
२) दूसरों के सामने आपके अवगुण न दिखाएं ।
दुसरो के सामने आपकी गलतीयो को छुपाता हैं । वह आपका सच्चा मित्र हैं ।
३) सभी के सामने आपके गुणों की तारीफ़ करता
हैं । आपके बारे में किसी को बुरा नहीं कहता वह आपका सच्चा मित्र हैं ।
४) मुश्किल समय में धन देकर करें मदद करता
हैं और हिसाब नहीं रखता । मुक्त हस्त सें धन- तन- मन देता हैं वह आपका सच्चा मित्र
हैं ।
५) आपको
अच्छे कामों के लिए आपको प्रेरित करता हैं। और हर एक अच्छे काम
में आपकी सहायता करता हैं। वह आपका सच्चा मित्र हैं ।
६) आपके बुरे समय में कभी भी आपका साथ नहीं छोड़ता चाहे जान चली जाये वो आपके
साथ रहेगा वह आपका सच्चा मित्र हैं ।
७) आपको पाप कर्म करनेसे बचाता हैं । आजकल मह देखते हैं की
शराब, जुआँ, धुम्रपान आदि व्यसनो के लिए दोस्त ही बढावा देते हैं। लेकीन ये याद रखिए
की आपका सच्चा मित्र आपको कभीभी धुम्रपान के लिए या शराब पिने के लिए नहीं कहेगा ।
उलटा वो आपको इन दुर्व्यसनो से दूर रखेगा ।
८) सच्चा मित्र आपको अध्यात्म की राह पर चलने कें लिए प्रेरीत करेगा क्योंकी अध्यात्मीक व्यक्तीही जीवन में सहीं मायने में सुखी रहता हैं ।
मित्रता के कही सारे उदाहरण पुराणों में महापुरुषो के चरित्र
में आये हैं । कर्ण ने दुर्योधन की मित्रता निभाने के लिए भगवान सें बैर लिया। नरक
जाने को तयार हुआ । लेकीन मित्रद्रोह नहीं किया । भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा मी मित्रता
तो सारे संसार में प्रसिद्ध हैं। जीवन में मित्र का होना उतनाही आवश्यक हैं जितना की
खाने में नमक का होना आवश्यक हैं । मित्र कें बिना जीवन में कोई सुख नहीं हैं ।।