झूठ बोलना पाप है महानुभाव पंथिय ज्ञान सरिता - Mahanubhav panth dnyansarita

झूठ बोलना पाप है महानुभाव पंथिय ज्ञान सरिता - Mahanubhav panth dnyansarita

महानुभाव पंथिय ज्ञान सरिता 

Mahanubhavpanth dnyansarita 

सर्वज्ञ श्री चक्रधर स्वामी की शिक्षा

झूठ बोलना पाप है

सहसा देखा जाता है कि थोड़े स्वार्थ के लिए मनुष्य झूठ बोलता है। सौगन्धे खाता है। नीति शास्त्र कहता है कि झूठा मनुष्य ही सौगन्धे खाता हैं सत्य व्यवहार करें व सत्य ही बोले । यदि किसी को हमारी क्रिया पर हमारे बोलने पर विश्वास नहीं आता तो, सौगन्धे न खाकर चुप रह जाना चाहिए। समय आने सत्य बात प्रकट हो जाती है ।

जीव का स्वभाव स्वार्थी और वंचक होने से दूसरों की तरफ हमेशा शक की नजर से ही देखता है। एक बार का प्रसंग है - नाथोबास स्वामी के लिए प्रति दिन दूध लेकर आता था। देरी से जाने के कारण दूध में पानी डाल दिया जाता था। पानी के हिस्से का कुछ दूध अधिक डाल देते थे। आज नाथोबास जल्दी पहुँच गए अत: बिना पानी डाला हुआ दूध था अतः हिसाब से ही दिया । 

बाईसा ने देखा कि-दूध कम है। उसने नाथोबास को पूछा-बेटा दूध कम क्यों है ? उन्होंने सारी कथा बतला दी कि- प्रति दिन मैं देर से जाता था अतः पानी डाला हुआ दूध अधिक दे देते थे। आज मैं जल्दी चला गया था अतः पैसे के हिसाब से ही दिया है। आज का दूध बिना पानी का है। नाथोबास के शब्दों पर बाईसा को विश्वास नहीं आया। कहने लगी एक तो दूध गिरा दिया होगा या तू पैसे बचाकर रख लिए होंगे या पैसे गिरा दिए होंगे नाथोबास बार - 2 अपनी सफाई दे रहे थे परन्तु बाईसा की समझ में नहीं आ रहा था। 

यह देख कर स्वामी ने कहा- नाथोबास ! चुप रहो कोई उत्तर मत दो जीव के दिल में अन्यथा कल्पना आ जाए तो सहसा वह दूर नहीं होती। बाईसा ने दूध गरम किया। प्रति दिन पानी जल कर जितना दूध बचता था उतना ही आज भी शेष बच गया यह देख कर बाईसा को नाथोबास की सत्यता पर विश्वास आ गया। बाईसा कहने लगी बाबा ! नाथोबास सच्चा है। दूध पूरा है।

स्वामी का यह बतलाने का हेतू था कि-असत्य व्यवहार न करें। हमारे सत्य व्यवहार पर भी किसी को शक आ जाता है तो साधारण शब्दों में क्रोधित न होकर समझाएं अतः पर उसकी समझ में नहीं आता तो चुप रह जाए ज्यादा सफाई न दें। समय आने पर सत्य बात प्रकट हो जाती है। सौगन्ध तो भूल कर भी न खाए । झूठ बोलने के बहुत बुरे परिणाम निकलते हैं 

कोई भी व्यक्ति कितना भी छुपा कर अच्छा या बुरा काम करता है तो भी एक न एक दिन प्रकट हो जाता है। एक बार झूठ पकड़ा जाए तो उस इन्सान पर फिर जिन्दगी भर विश्वास नहीं आता चाहे वह लाख सत्य बोलता रहे अत: अपने जीवन को अपयश से बचाने के लिए सदा सत्य व्यवहार करें। और अपने साथियों को भी सत्य बोलने की शिक्षा दें ।

हम सब जानते हैं कि झूठ बोलना बहुत बडा पाप है। लेकिन कई बार हम जाने-अनजाने में झूठ बोलते हैं। सफाई मे कहते हैं किसी की, मदद के लिए झूठ बोलना सच बोलने जैसा ही है। वो झूठ नहीं माना जाता है। लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिसमें गलती से भी झुठ नहीं बोलना चाहिए।  

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार हम आपको  ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें करते समय झूठ बोलने पर बड़ा महापाप माना जाता है।

अध्यात्म दृष्टि से दान देना बहुत अच्छा काम बताया गया है। दान देने से पुण्य मिलता है। दैवरहाटी में उसे ही गोमटे कहते है। लेकिन निर्हेतुक दान के भी कुछ नियम हैं जिनका पालन किया जाना चाहिए। तभी परमेश्वर उस दान का स्वीकार करते है। 

शास्त्रों के अनुसार झूठ बोलकर, किसी को फंसाकर अर्जित किए हुए धन से कभी भी दान नहीं देना चाहिए । कुछ लोगों की ऐसी दांभिक आदत होती है कि, अगर वे 1000 रुपये दान करते हैं तो वे आपको दस हजार रुपये बताएंगे। दान करने के बाद किसी से न कहें। दिए गये दानकी वाच्यता न करे। और करते हुए भी झूठ न बोलें।

  परमार्थ के संदर्भ में साधु संतो से झूठ बोलना बहुत बड़ा महापाप है। कुछ लोग ऐसे होते हैं वे दान करने से बचने के लिए कहते हैं कि हमारे पास अतिरिक्त पैसा नहीं है, यह भी एक तरह का झूठ है, अगर आप देना नहीं चाहते हैं तो माफी मांग ले । लेकिन साधू संतो से झूठ ना बोले।

धर्मशास्त्र कहता है कि धर्म के काम में कभी भी आलस नहीं करना चाहिए । या झूठ नहीं बोलना चाहिए।  धर्म के काम में झूठ बोलना भगवान से झूठ बोलने जैसा है। आपने बहुत से लोगों को झूठ बोलते देखा होगा कि, वे बीमार हैं या पूजा के लिए आने पर वे कहीं बाहर जा रहे हैं। मुझे बहुत काम है मै आ नहीं सकता । इस तरह का झूठ बोलना बहुत बडा महापाप है। 

ऐसे झूठ बोलने पर भी आपको इससे किसी भी प्रकार की खुशी नहीं मिलती । और इस कारण आप भी पाप के भागीदार बने।  अगर आप पूजा में नहीं जाना चाहते हैं तो यह स्पष्ट कर दें कि आप आज नहीं आ पाएंगे। अपने आराधनालय में भगवान से प्रार्थना करें और क्षमा मांगें।




Thank you

Post a Comment (0)
Previous Post Next Post